Essay on Qutub Minar in Hindi| 10 Lines on Qutub Minar
Essay on Qutub Minar in Hindi| 10 Lines on Qutub Minar
क़ुतुब मीनार पर निबंध

Essay on Qutub Minar in Hindi| 10 Lines on Qutub Minar : यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल कुतुबमीनार जिसका निर्माण तेरहवीं शताब्दी की शुरुआत में किया गया. कुतुब मीनार दिल्ली के दक्षिणी भाग महरौली क्षेत्र में स्थित है जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है.
गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुब मीनार का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ लेकिन यह मीनार उसके शासनकाल में पूर्ण नहीं हो सकी अतः उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश द्वारा कुतुब मीनार का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया|
कुतुब मीनार दिल्ली शहर में सबसे अधिक देखा जाने वाला एक आकर्षक पर्यटक स्थल है. प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक इस खूबसूरत स्थल पर आते हैं.
10 Lines Essay on Kutub Minar in Hindi
1. कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे यूनेस्को द्वारा 1993 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है|
2. क़ुतुब मीनार दक्षिण दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित है|
3. कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू किया था तथा इल्तुतमिश द्वारा मीनार का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया|
4. कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है|
5. कुतुब मीनार एक पांच मंजिला ऐतिहासिक धरोहर है|
6. कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा केवल प्रथम मंजिल तक ही इमारत का निर्माण कराया गया था
7. इल्तुतमिश द्वारा मीनार की दूसरी तथा तीसरी मंजिल का निर्माण करवाया गया था|
8. फिरोज शाह द्वारा कुतुब मीनार की चौथी व पांचवीं मंजिल का निर्माण करवाया गया|
9. कुतुब मीनार के अंदर 379 सीढ़ियां है जिससे पुराने समय में मंजिल के शीर्ष पर पहुंचा जा सकता था|
10. 1976 के बाद हुई अनेक दुर्घटनाओं के कारण आम जनता के लिए मीनार के अंदर सीढ़ी का उपयोग करना व प्रवेश करना बंद कर दिया गया|
कुतुब मीनार पर निबंध 250 शब्द| Essay on Qutub Minar in Hindi 250 Word
कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक धरोहर है जो दक्षिणी दिल्ली में स्थित भारत की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है. ऐसा माना जाता है कुतुब मीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा रखी गई किंतु इसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश द्वारा पूर्ण करवाया गया.
भौगोलिक स्थिति: 72.5 मीटर की ऊंचाई,14.3 मीटर के आधार व्यास वाली क़ुतुब मीनार सबसे ऊंची मीनारों में से एक है. कुतुब मीनार एक पांच मंजिला इमारत है जिसके अंदर 379 सीढ़ियां है| पहली मंजिल लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित की गई है तथा ऊपर की दो मंजिलें संगमरमर लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है|
मीनार चारों ओर से और भी ऐतिहासिक स्मारकों से घिरा हुआ है, जिसमें की कुतुब उल इस्लाम मस्जिद है जो उत्तर दिशा में स्थित है. इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था| यह दिल्ली के सुल्तानों द्वारा निर्मित सबसे पुरानी मौजूदा मस्जिद है| इसमें मठों से घिरा एक आयताकार प्रांगण है जिसे 27 हिंदू और जैन मंदिरों के नक्काशी धार स्तंभ और स्थापत्य सदस्यों के साथ खड़ा किया गया है, जिन्हें कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था.
निष्कर्ष: कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे 1993 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था| प्रत्येक वर्ष भारी संख्या में पर्यटक देश विदेशों से इस आकर्षक स्थल पर आते हैं|
कुतुब मीनार पर निबंध 500 शब्द| Essay on Qutub Minar in Hindi 500 Words
भारत की प्रसिद्ध इमारतों में से एक कुतुब मीनार, दक्षिणी दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित है| जिसका निर्माण कार्य 13वीं शताब्दी में प्रारंभ किया गया था| मुगल शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुब मीनार का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया लेकिन उसके शासनकाल में वह निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सकता, तत्पश्चात उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश द्वारा मीनार का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ|
कुतुब मीनार पांच मंजिला मीनार है जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है| इसका आधार व्यास 14.3 मीटर(47 फीट) है जोकि शिखर के शीर्ष पर 2.7 मीटर(9 फीट) है. मीनार के अंदर 379 सीढ़ियां है जिनसे होकर मीनार के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचा जा सकता है लेकिन अब यह सीढ़ियां उपयोग में नहीं लाई जाती है|
मुगल शासकों द्वारा पांच मंजिला ऐतिहासिक धरोहर कुतुब मीनार का निर्माण करवाया गया था| कुतुबुद्दीन ऐबक अपने शासनकाल में केवल 1 मंजिला इमारत ही बनवा पाया था इसके पश्चात उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश द्वारा इसकी दूसरी और तीसरी मंजिल का निर्माण करवाया गया था| इसके पश्चात फिरोज शाह ने उसकी चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण करवाया था|1508 मैं आए भूकंप से क़ुतुब मीनार को काफी नुकसान पहुंचा जिसकी मरम्मत का कार्य सिकंदर लोदी द्वारा किया गया था|
कुतुब मीनार के निचले हिस्से में कुवत उल इस्लाम मस्जिद है| कुतुब मीनार अपने तल से ऊर्ध्वाधर से 65 सेंटीमीटर से अधिक झुकी हुई है|
1976 से पहले आम जनता को मीनार के अंदर की सीढ़ियों के माध्यम से मीनार की पहली मंजिल तक जाने की अनुमति थी लेकिन उसके पश्चात अनेक दुर्घटनाओं के कारण मीनार के अंदर जनता के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया है|